Wednesday 29 October 2008
बहुत पहले कुछ लिखा था
आज एक पुरानी किताब से तुम्हारा ख़त मिला
ख़त में था चाँद और थी चांदनी
फूल और तारे थे बेशुमार,
अचानक हवा तेज़ हो चली.....
चाँद बन गया रोटी
फूल बन गए मेरे बच्चे
तारे सजा दिए मैंने अपनी बीवी की मांग में
अब भी है मेरे पास चाँद
और है चांदनी
फूल और तारे हैं बेशुमार
.......बस वो ख़त नहीं है
उड़ गया है शायद
हवा तेज़ है बहुत.......
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